shiv chalisa lyrics Fundamentals Explained
shiv chalisa lyrics Fundamentals Explained
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नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देख नाग मुनि मोहे ॥
राधा चालीसा - जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
त्रिपुरासुर सन shiv chalisa lyrics in english युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
स पुत्रं धनं धान्यमित्रं कलत्रं विचित्रं समासाद्य मोक्षं प्रयाति ॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।
भगवान शिव की महिमा का बखान करने के लिए अनेकों अष्टकों की रचना हुई है, जिनमें शिवाष्टक, लिंगाष्टक, रूद्राष्टक, बिल्वाष्टक काफी प्रसिद्ध हैं, जिसमें शिवाष्टक का विशेष महत्व है।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥